जिला अदालत परिसर से लापता जज उमरिया जिले के मानपुर में मिले, पुलिस ने ली राहत की सांस
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सतना। मध्यप्रदेश के सतना जिला अदालत परिसर से चार दिन पहले लापता हुए जज को आखिरकार उमरिया जिले के मानपुर से बरामद कर लिया गया है। बताया गया कि अष्टम व्यवहार न्यायाधीश के पद पर पदस्थ मजिस्ट्रेट आरपी सिंह 23 सितंबर को रहस्यमय डंग से लापता हो गए थे। जब पत्नी ने फोन लगाया और उन्होंने रिसीव नहीं किया। कुछ देर बाद पत्नी ने कोर्ट से जानकारी ली तो पता चला कि वह अपने चेंबर में नहीं पहुंचे है। आनन-फानन में सिविल लाइन पुलिस को जानकारी दी गई।
सिविल लाइन पुलिस ने गुमसुदगी का मामल दर्ज करते हुए पूरे मामले की जानकारी एसपी को दी। एसपी ने रीवा और शहडोल जोन के आला-अधिकारियों को सूचना देते हुए लोकेशन ट्रेस कराई तो उनकी लास्ट लोकेशन रीवा रोड में मिली थी। सतना एसपी ने आधा दर्जन पुलिस टीम बनाकर 7 जिलों में सक्रिय किए। तब कहीं जाकर गुरुवार को सफलता मिली
ये है मामला
मिली जानकारी के मुताबिक सीएसपी की टीम को सुबह खबर मिली कि लापता जज उमरिया जिले के मानपुर से 5 किलोमीटर दूर रंछा गांव में अपने रिश्तेदार के घर पर ठहरे है। तुरंत सीएसपी की टीम और सिविल लाइन पुलिस उमरिया के लिए रवाना हो गई। रंछा गांव में जब जज मिले तो सतना पुलिस ने राहत की सांस लेते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को पूरे मामले की जानकारी दी। फिर सतना पुलिस मानपुर थाने पहुंचकर कानूनी प्रकिया पूर्ण होने के बाद सतना के लिए रवाना हो गई है। सूत्रों की मानें तो जज की मानसिक हालत खराब लग रही है। इसलिए वह रहस्मय डंग से लापता हो गए थे।
ऐसे हुए थे लापता
गौरतलब है कि सिविल लाइन क्षेत्र के शासकीय आवास आर- 296 में रहने वाले मजिस्ट्रेट सिंह पत्नी कृष्णा सिंह से 10 हजार रुपए और अपना एटीएम कार्ड साथ में लेकर सोमवार की सुबह घर से कोर्ट जाने के लिए निकले थे। इसके बाद शाम को उनकी पत्नी कृष्णा सिंह (34) ने थाना में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। तब से पुलिस तलाश में जुटी थी।
तांत्रिकों के यहां डूढ रही थी पुलिस
एसपी रियाज इकबाल के निर्देश पर टीआइ थाना सिवल लाइन अर्चना द्विवेदी ने पुलिस दार्शनिक स्थलों व तांत्रिकों के यहां पुलिस टीमें रवाना की थी। इधर पुलिस अधिकारियों ने मजिस्ट्रेट के घर, परिवार और रिश्तेदारों से पूछताछ करते हुए सुराग जुटाने की भी कोशिश की थी। जानकारी मिली है कि पुलिस की अलग अलग टीम मैहर, चित्रकूट भेजी गई हैं। इसके साथ ही उन तांत्रिक व झाडफ़ूक करने वालों के यहां पुलिस भेजी जा रही है, जिनके यहां कभी मजिस्ट्रेट गए थे।