मध्यप्रदेश : फिल्म एक्ट्रेस और मॉडल के साथ भी हैं नेता-अफसरों के सेक्स वीडियो, रंगीन चैट भी मिले, 4 हजार फाइलें पुलिस के हाथ

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भोपाल/ मध्यप्रदेश : हनीट्रैप  मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। खुलासों से कई सफेदपोशों की नींद उड़ी है। वहीं, अब जांच की गति भी तेज हो गई है। एसआईटी के चीफ संजीव शमी भी मामले की जांच के लिए इंदौर में हैं। वहीं, हनी ट्रैप गिरोह की महिलाएं नेताओं और अफसरों को ट्रैप करने के लिए फिल्म अभिनेत्रियों और मॉडल का भी इस्तेमाल करती थीं। रसूखदारों के दर्जनों रंगीन वीडियो पुलिस को मिले हैं।
हनी ट्रैप मामले की जांच कर रही एसआईटी अब पुराने केसों की भी कुंडली खंगाल रही है। एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार इस मामले में अब तक चार हजार फाइलें पुलिस के हाथ लगी हैं, जिनमें नेताओं और अफसरों के शारीरिक संबंध बनाते हुए वीडियो, अश्लील चैटिंग करते हुए स्क्रीन शॉट और कई ऑडियो क्लिप हैं। जिन्हें गिरफ्तार हसीनाएं अपने पास रखती थीं। पुलिस जांच में यह भी बात सामने आई है कि ये गरीब लड़कियों को लालच देकर झांसे में लेती थीं।



कौन हैं अभिनेत्रियां 
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अब इस मामले में एक और कड़ी जुड़ रही हैं। नेताओं, अफसरों और कारोबारियों को ब्लैकमेल करने के लिए ये महिलाएं उनके पास बी ग्रेड फिल्मों में काम करने वाली अभिनेत्रियों और मॉडल को भी भेजती थीं। इनके तार देश के चार राज्यों से जुड़े हैं। जांच के दौरान इंदौर में ऐसे ही एक रूपा का भी नाम सामने आया है। जो दिल्ली में रहती है। वीडियो के जरिए एसआईटी इन अभिनेत्रियों तक भी पहुंचने की कोशिश करेगी।


उनके गैजेट्स से मिली हैं ये चीजें
पुलिस सूत्रों के अनुसार ये सारी चीजें गिरफ्तार महिलाओं को मोबाइल, लैपटॉप और हार्डडिस्क से मिले हैं। फॉरेसिंक टीम लगातार इन चीजों की जांच कर रही है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कहीं ब्लैकमेल करने के लिए चीजों से छेड़छाड़ तो नहीं हुई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार बरामद फाइलों की संख्या बढ़ भी सकती है। एसआईटी की सदस्य और इंदौर की एसएसपी रुचिवर्धन मिश्रा ने मंगलवार को कहा था कि कई बड़े लोगों को इनलोगों ने फंसाया है।


कई रिकॉर्ड्स हुए गायब
एक मीडिया रिपोर्ट्स में एक जांच अधिकारी से बातचीत के आधार पर यह दावा किया गया है कि भोपाल के एक चर्चित क्लब में इन हसीनाओं का जमावड़ा लगता था। वहीं, अपना शिकार ढूंढती थी। इस मामले के सामने आने के बाद क्लब के चेक इन रजिस्टर गायब हैं और लड़कियों की तस्वीर वाले अन्य रिकॉर्ड्स के साथ छेड़छाड़ की कोशिश की गई है। इसमें सीसीटीवी कैमरा भी शामिल है।


रिपोर्ट्स के अनुसार यह दावा किया जा रहा है कि इस मामले में जिस इंस्पेक्टर को हटाया गया है, वह मोनिका यादव का एक सीनियर अधिकारी का वीडियो अपने फोन में ब्लूटूथ के जरिए ट्रांसफर कर रहा था। हालांकि अधिकारी की पहचान नहीं हो पाई। वहीं, इनके पास से बरामद वीडियो, ऑडियो क्लिप और चैटिंग अश्लील ही हैं। जिसकी जांच की जा रही है।


ये हैं मुश्किल
वहीं, नेताओं और अफसरों के बरामद रंगीन वीडियो को लेकर पुलिस अधिकारियों के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती ये हैं कि ये चीजें गलत हाथों में पड़ वायरल न हो जाएं। क्योंकि ये सारे वीडियो रसूखदार लोगों को ब्लैकमेल करने के लिए ही बनाए गए हैं। जिन लड़कियों के वीडियो बनाए गए हैं, उसमें ज्यादातर इनके झांसे में नौकरी के लालच में फंसी हैं।


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