शाला परिसर मे भरा पानी परिसर में पानी अधिक होने से बच्चे स्कूल जाने में डर रहे है
{ इन तीन तस्वीरो से आपको इन स्कूलो की वास्तविक स्थिति से अवगत करा रहे है}
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शाला परिसर मे भरा पानी
परिसर में पानी अधिक होने से बच्चे स्कूल जाने में डर रहे है उन्हें डर है कही वह डूब न जाये वही देवपुर हाईस्कूल के मुख्य गेट पर सरपंच ने रेत डाल दी
लवकुशनगर/ यह तस्वीरे स्कूलो की वास्तविक स्थिति को बता रही है एक स्कूल परिसर में बर्षात का पानी भर जाने से बच्चे स्कूल नही जा पा रहे तो देवपुर हाई स्कूल के मुख्य गेट पर गांव के सरपंच ने रेत का भंडारण शुरू कर दिया है सरपंच की इस कार्यशैली से स्कूल प्रबंधन ने नाराजगी व्यक्त की है पहली तस्वीर की बात करे तो यह मामला गौरिहार जनपद क्षेत्र के प्राथमिक पाठशाला बड़ी चौहानी का है इस पाठशाला के परिसर में वर्षात का पानी अधिक भर जाने से बच्चे स्कूल जाने में डर रहे है ग्रामीण इंद्रजीत राजपूत प्रेमचंद्र राजपूत गोरेलाल राजपूत ने बताया उनके गांव की यह इकलौती पाठशाला है परिसर में जिस स्थान पर पानी भरा है वहां गहराई अधिक है स्कूल जाते समय बच्चे कही गहराई की ओर चले गए तो उनकी जान भी जा सकती है इसी वजह से बच्चे स्कूल जाने में डरते है अभिभावक भी बच्चो को स्कूल भेजने में ज्यादा रुचि नही ले रहे स्कूल के लिए दूसरा रास्ता भी है लेकिन स्कूल के बगल में विधुत पोल लगा हुआ है वर्षात के दिनों में इस पोल पर अक्सर करेन्ट उतरता है जिससे बच्चे इस रास्ते से जाने में डर रहे है दूसरा मामला लवकुशनगर जनपद क्षेत्र के शासकीय हाईस्कूल देवपुर का है यहां सरपंच ने स्कूल के मुख्य गेट के सामने रेत का भंडारण शुरू कर दिया जिसको लेकर स्कूल प्रबंधन ने नाराजगी व्यक्त की है लेकिन सरपंच कि दबंगई के चलते स्कूल प्रबंधन बेबस है बच्चो को निकलने में हैरानी हो रही है
विधुत पोल में आ रहा करेन्ट कभी भी हो सकता हादसा
प्राथमिक पाठशाला बड़ी चौहानी में शाला के नजदीक विधुत पोल लगा हुआ है वर्षात के इस मौसम में उसमे रोजाना करेन्ट आता है ग्रामीणो ने बताया कि दो रोज पहले इस विधुत करेन्ट की चपेट में भैस आ गई थी ग्रामीणो की सूझबूझ से यह हादसा टल गया इस घटना के बाद बच्चे इस रास्ते से स्कूल जाने में डर रहे है वही दूसरे रास्ते में पानी का भराव अधिक होने से बच्चे निकल नही पाते है
मास्साब समय पर स्कूल नही आते
ग्रामीणो ने बताया कि प्राथमिक पाठशाला बड़ी चौहानी में महेश यादव इकलौते शिक्षक पदस्थ है लेकिन यह कभी भी समय पर स्कूल नही आते है मास्साब गांव में न रहकर बारीगढ़ से प्रतिदिन अपडाउन करते है कभी कभार तो स्कूल तक नही खुलता स्कूल में ताला लटका रहता है
किचिन शेड में एक दिन भी नही बना खाना और जर्जर हो गई
शासकीय राशि खर्च कर स्कूल के सामने किचिन शेड तैयार किया गया लेकिन मजे की बात यह है किचिन शेड में गुणवत्ता नही दी गई और इसमें एक भी दिन मध्यान्ह भोजन नही बनाया गया उक्त किचिन शेड की मौजूदा हालत जर्जर है इस किचिन शेड के आसपास भारी मात्रा में पानी भरा हुआ है शासकीय राशि लगाकर किचिन शेड तैयार किया गया लेकिन उसका कोई मतलब नही निकला