मोदी 2.0 ने महज छह महीने में निपटाए तीन बड़े मामले
नई दिल्ली, एजेंसी मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल की छह महीने की छोटी अवधि में ही दशकों पुराने तीन मुद्दों (अनुच्छेद 370, राम मंदिर और समान नागरिक संहिता) में से दो मुद्दों का हल निकाल लिया। अनुच्छेद 370 निरस्त करने के बाद शुक्रवार को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का राह प्रशस्त हुआ। इससे पहले सरकार ने तीन तलाक को दंडनीय अपराध बनाया। हालांकि भाजपा की हिंदुत्व की राजनीति की झोली में अब सिर्फ समान नागरिक संहिता का मुद्दा नहीं बचा है। इससे पहले सरकार धर्मातरण विरोधी कानून, नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय जनसंख्या नीति को अमलीजामा पहनाने की तैयारी में है। दरअसल वर्तमान स्थिति भाजपा के हिंदुत्व की राजनीति के अनुकूल है।
चक्रवात बुलबुल से पश्चिम बंगाल में दहशत, पीएम मोदी ने की ममता बनर्जी से बात पश्चिम बंगाल में आने वाले संभावित चक्रवात बुलबुल तो लेकर लोगों में दहशत का माहौल है। रविवार को इसके और गंभीर होने के आसार हैं। इस दौरान घर, सड़कें, संचार और बिजली की सुविधाएं प्रभावित हो सकती हैं। इस मद्देनजर मछुआरों को अगले आदेश तक समुद्र में नहीं उतरने की सलाह दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, बुलबुल चक्रवात ने 110-120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बंगाल को हिट किया था। इसके बाद प्रदेश के निचले इलाकों के तटीय गांवों में रहने वाले तकरीबन एक लाख लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। बुलबुल को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से भी बात की है। इसके अलावा तूफान को लेकर लोगों में जागरूकता के लिए तकरीबन 55 हजार स्वयंसेवकों को लगाया गया है। प्रदेश के कई प्रभावित गांवों से लोग सुरक्षित जगहों पर पलायन भी कर रहे हैं। इसी क्रम में रविवार को साउथ 24 परगना जिले के तकरीबन 200 लोगों ने कोलकाता के सागर पाइलट स्टेशन पर शरण ली, जहां स्टेशन के स्टाफ और पाइलटों ने उन्हें खुद खाना परोसकर खिलाया। तूफान को लेकर केंद्र सरकार ने राज्यों को चक्रवाती तूफान बुलबुल से निपटने के लिए हर संभव कदम उठाने को कहा है।
जारी रहेगा हिंदुत्व की राजनीति का दौर
राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त होने के बाद हिंदुत्व की राजनीति की गाड़ी की रफ्तार धीमी नहीं होगी। सरकार के पास इस राजनीति की गाड़ी को रफ्तार देने के लिए पर्याप्त मुद्दे मौजूद हैं। मसलन सरकार की रणनीति तीसरे हफ्ते से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में धर्मांतरण विरोधी बिल के साथ नागरिकता संशोधन बिल पारित कराने की तैयारी में है। इसके बाद सरकार के एजेंडे में नई जनसंख्या नीति तैयार करना है। अंत में सरकार देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की ओर कदम बढ़ाएगी। खासतौर पर समान नागरिक संहिता लागू करने में सरकार के समक्ष कोई अड़चन नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में जज रहते अपने एक फैसले में जस्टिस विक्रमजीत सिंह सहित एक अन्य जज ने समान नागरिक संहिता की वकालत की थी।
मथुरा-काशी पर पेच
हिंदूवादी संगठनों के एजेंडे में अयोध्या में राम मंदिर के साथ मथुर और काशी में भी मंदिर निर्माण की बात थी। हालांकि वर्ष 1991 में संसद ने एक बिल को मंजूरी दी थी जिसमें 1947 के बाद धार्मिक स्थलों की यथास्थिति बरकरार रखने की बात कही गई है। इसमें तब अयोध्या को शामिल नहीं किया गया था