भोपाल-नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने दी सदन में श्रधांजलि।

 


गौर जी जितने नरम दिल थे प्रसासन में उतने ही सख्त थे।


लोग उन्हें बुलडोजर मंत्री के नाम से जाने जाते थे।


भोपाल की खूबसूरती में सबसे बड़ा हाथ बाबुलाल गौर का है।


बाबुलाल गौर जब भी सदन में आते थे तो पक्ष  विपक्ष को जेब के रखे काजू खिलवाते थे।


सदन के दौरान गौर साहब अपने से गीता रखे रहते थे।


कैलाश जोशी में जो सरलता थी अब वो कम लोगो मे देखने के लिए मिलती है।


कैलाश जोशी विभिन्न पदों पर रहे लेकिन उनके जैसे संत अब दुर्लभ्य है।


सुषमा जी की वाणी में सरावस्ती विराजमान रहती थी।


उनकी भाषा काफी मृदुल थी।


अरुण जेटीली प्रख्यात वकील के साथ एक अच्छे नेता थे।


उन्होंने छात्र जीवन से ही राजनीति में समाज की सेवा की।


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